हापुड़। डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में शनिवार को रीजनल ट्रेडिशनल स्पोर्ट्स एंड गेम्स 2025 का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में शहर के लगभग 8 विद्यालयों के 160 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और पारंपरिक खेलों में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री वीर सिंह गौतम (आजाद समाज पार्टी, मंडल प्रभारी) ने किया। प्रतियोगिता में योगा, रस्सीकूद, गुलेल एवं आर्म-रेसलिंग जैसे पारंपरिक खेल शामिल रहे, जिनमें बच्चों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ भागीदारी की।
आयोजन में आयोजन सचिव सुश्री सोनी भारत, मुख्य तकनीकी प्रमुख मास्टर बी.के. भारत तथा डी.ए.वी. स्कूल के प्रिंसिपल श्री विनीत त्यागी की विशेष भूमिका रही। प्रतियोगिता के सफल संचालन में तकनीकी अधिकारियों – गौरव गौतम, आकाश कुमार, वीरेंद्र सिंह, मनीष कुमार, आशीष बौड़ एवं अवनी सिंह का सराहनीय योगदान रहा।
पदक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि श्री अमित भड़ाना (अखिल भारतीय गुर्जर महासभा) ने विजेताओं को पदक एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए और खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।
प्रतियोगिता में ज्ञान प्रकाश जूनियर हाई स्कूल ने सर्वाधिक 35 पदक जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। ट्यूलिप इंटरनेशनल स्कूल ने 26 पदक जीतकर द्वितीय स्थान, जबकि बालज्ञान जूनियर हाई स्कूल ने 12 पदक जीतकर तृतीय स्थान हासिल किया।
🎯 Active Bharat Sports Academy खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन
प्रतियोगिता में Active
Bharat Sports Academy के खिलाड़ियों ने भी शानदार
प्रदर्शन कर कई पदक अपने नाम किए –
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आना भारत, मोनिष
त्यागी और सिद्धार्थ भारत – योगा में स्वर्ण
पदक
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वियानी
त्यागी – योगा में रजत पदक
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आरव
चौधरी – योगा में कांस्य
पदक
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शुभम
सैफी – रस्सीकूद
(Rope Skipping) में स्वर्ण
पदक
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माधव
शर्मा – पंजा (Arm Wrestling) में रजत पदक
· राघव शर्मा – पंजा (Arm Wrestling) में कांस्य पदक
इन उपलब्धियों ने Active Bharat Sports Academy का गौरव बढ़ाया और अकादमी ने प्रतियोगिता में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
मुख्य अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि –
“ऐसे आयोजन बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और हमारी परंपरागत खेल संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
आयोजन समिति ने घोषणा की कि भविष्य में और भी बड़े स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को अवसर मिले और भारतीय परंपरागत खेलों को बढ़ावा मिल सके।
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